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भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुआ गुरमत समागम

कानपुर (एसएनबी)। सिखों के ही एक वर्ग के विरोध के चलते विवादों में फंसा गुरमत समागम अंतत: भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुआ। यहां कीर्तन और धार्मिक प्रवचन करने आये अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार प्रो. दर्शन सिंह ने लोगों से कहा कि वह श्री गुरुग्रंथ साहिब को ही केंद्र मानकर चलें।

गोविंदनगर स्थित खालसा गर्ल्स इंटर कालेज में आयोजित गुरमत समागम में प्रो. दर्शन सिंह ने कीर्तन "मोरो कुशल बताओ कोई, कुशल कुशल करते जग विनसे, कुशल भी कैसे होई" के माध्यम से लोगों को झूठी खुशियों के पीछे न भागने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि संसार में हर व्यक्ति खुशी चाहता है। लोग खुशी पाने के लिए भटकते रहते हैं, लेकिन सही मायने में खुशी किसी को नहीं मिलती।

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति किसी न किसी खुशी का इंतजार करता रहता है। एक खुशी मिलती है तो उससे संतुष्ट होने की बजाय वह दूसरी की प्रतीक्षा में लग जाता है। गम का साथ कोई नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि सही मायने में खुश रहने के लिये लोगों को श्री गुरुग्रंथ साहिब को केंद्र मानकर चलना होगा। गुरु ही समस्त परेशानियों को दूर करेंगे। क्योंकि गुरु हर पल अपने पर विश्वास करने वालों का कल्याण करता है। इससे पूर्व सुबह साढ़े सात बजे शुरू हुए गुरमत समागम में स्थानीय रागियों ने शबद-कीर्तन पेश कर संगत को निहाल किया। आयोजन स्थल और इसके आसपास प्रशासन ने सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किये थे।


धर्म को फंसा रहे हैं सियासी फंदे में : प्रो. दर्शन सिंह

कानपुर (एसएनबी)। अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार प्रो. दर्शन सिंह ने कहा कि कुछ लोग धर्म को सियासत के फंदे में फंसाने की कोशिशें कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब व्यक्ति कीर्तन अपनी मर्जी से नहीं कर सकता तो जीने की आजादी कहां हैं। गुरमत समागम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रो. दर्शन सिंह ने कहा कि कुछ लोग अहंकार से भर गये हैं। वह चाहते हैं कि सब कुछ उनकी ही मर्जी से चले। कीर्तन जैसे धार्मिक कायरे पर भी अपनी मर्जी थोपने वाले अहंकारी नहीं तो और क्या हैं। ऐसे लोगों में अहंकार भी है और कुर्सी से मोह भी। इसके चलते ही धर्म को भी सियासी फंदे में फंसाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि दुनिया को सुखी रखना है तो अहंकार छोड़ना होगा। गुरुग्रंथ भी विनम्रता और त्याग ही सिखाता है। श्री गुरुग्रंथ साहिब के संदेश सम्पूर्ण मानवता के लिये हैं। अगर लोग इन्हें मानकर अहंकार का त्याग कर दें तो सुखी हो जायेंगे। अपने नगर आगमन को लेकर हुए विवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को आगे लाकर उनके ऊपर हमला कराया जा रहा है। हमला कराने वाले चाहते हैं कि जायज या नाजायज, जो कुछ भी हो उनकी मर्जी से हो। अगर किसी के मन में विरोध का भाव है तो उसे जनता के बीच आकर बात करनी चाहिये। जब आदमी को अपनी मर्जी से कीर्तन भी नहीं करने दिया जायेगा तो जीने की आजादी कहां है। उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह धार्मिक कायरे से ही जुड़े हैं, उनका सियासत से कोई लेना देना नहीं है। प्रो. दर्शन सिंह।


कुलदीप नजरबंद

कानपुर। गुरमत समागम में प्रो. दर्शन सिंह के आगमन का विरोध करने वाले पूर्व एमएलसी कुलदीप सिंह को पुलिस ने बीती रात से ही घर पर नजरबंद कर दिया था। रात में भारी तादाद में पहुंचे पुलिस बल ने उन्हें घर में ही बने रहने को कहा और इसके बाद कार्यक्रम की समाप्ति की जानकारी होने तक उनके आवास पर कड़ा पहरा लगा रहा। कुलदीप सिंह के अलावा भी समागम का विरोध करने वाले अन्य लोग भी पुलिस की निगाहों में रहे। अशोक नगर निवासी सरदार कुलदीप सिंह को पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया। फोटो : एसएनबी


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